ये घटना उनमें से ही एक है । दिन था 5 जुलाई 2001 और दोपहर का वक्त था लोग अपने अपने कामों में लगे थे रोज़ की ही तरह, पर अचानक से आसमान में बिजली कड़की और अचानक वहाँ पर कुछ ऐसे चीज शुरू हुई जिससे वहां के लोग आश्चर्यचकित हो गए और वह थी।



"खून की बारिश" पर ये सब वहाँ के लोगो का मानना था, उस दिन जो अचानक से बारिश शुरू हुई उसका रंग था लाल और बस लाल ही नहीं कई लोगो ने येलो, ब्लू और काले रंग की भी बारिश देखी थी।

• शुरू -शुरू में साइंटिस्ट को लगा की ये कोई बड़ी बात नहीं है ।ये बस कुछ डस्ट के टुकड़े है जो प्रदूषण के चलते या किसी मेटेओर के चलते बारिश में मिल गई थी।

• साइंटिस्ट फिर उस रेन के सैंपल को लैब में ले जाकर जब इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप से स्टडी किया तो उन्होने पाया की ये कोई मेटेओर की पार्टिकल नहीं है पर ये कुछ किस्म की पार्टिकल है जो ज़िन्दा है ,जी हाँ आपने बिलकुल सही पढ़ा है वो जिंदा पार्टिकल थी ।

• उसमे जीवन का संचार हो रह था, साइंटिस्ट को वह रेड ब्लड सेल की तरह दिख रही थी जो इंसानी खून में होता है ।

• साइंटिस्ट ने यह कन्फर्म करने के लिए की वह ज़िन्दा है की नहीं ,उन्होंने उसके डी.एन.ए. की स्ट्रक्चर की एनालिसिस करने की सोची पर असल में उस पार्टिकल के अंदर कोई डी.एन.ए. था ही नहीं पर उसे पार्टिकल की

• गतिविधियां बिलकुल एक ज़िन्दा सेल के जैसे थी पर उसमे कोई डी.एन.ए. था ही नहीं वह अजीब से "लाइफ विथाउट लाइफ" था ।

• पर साइंटिस्ट इस डिबेट में थे की यह कुछ भी हो सकता है, इस लिए इसके रिसर्च इंटरनेशनल लेवल पे होने चाहिये ताकि और भी एडवांस टेक्नोलॉजी और मशीनों से इसके जाँच हो तो इसके सच्चाई पता चले।यह इतने मिस्टीरियस थे।

• कि सइंटीस्टो ने दस सालों तक लैब में रखा था। 2010 में तो ये सामने आया था की इसमें कोई डी.एन.ए. नहीं था पर 2012 में University of Glamorgan,के "राजकुमार गंगाप्पा " एंड "स्टुअर्ट हॉग " ने अब कई महीनों तक इसकी जांच बारीकी से की तब ये पता चला कि इसमें डीएनए सच-मुच मौजूद था । कई लोगो ने तो यह भी कहा की ये एलियन का काम है, एलियन लाइफ को धरती पर पनपने के लिए भेज रहे है ।


• मैं जनता हुँ इस बात पर कई लोगो को विश्वास नहीं होगा पर साइंटिफिक नज़रिए ये से देखा जाए तो आप सोचिए की इस अन-नोन पार्टिकल जिसे आज तक धरती पे नहीं पाया गया

वो अचानक केरला में कहा से आई ।इन्ही सब अन-नोन फैक्ट्स के चले साइंटिस्ट आज तक नहीं समझ पाए है के ये पार्टिकल अचानक धरती पर कहा से आया इसका कारण आज तक नहीं पता चला।